Air Force Base In Ladakh : लद्दाख में चीन सीमा के नजदीक विकसित किया जाएगा वायुसैनिक अड्डा, अन्य रणनीतिक परियोजनाओं को भी मंजूरी
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लद्दाख में चीन सीमा के नजदीक विकसित किया जाएगा वायुसैनिक अड्डा, अन्य रणनीतिक परियोजनाओं को भी मंजूरी

Air Force Base In Ladakh

लद्दाख में चीन सीमा के नजदीक विकसित किया जाएगा वायुसैनिक अड्डा, अन्य रणनीतिक परियोजनाओं को भी मंजूरी

Air Force Base In Ladakh  : नई दिल्ली: लद्दाख में चीन की हर हरकत पर कड़ी नजर रख रही भारतीय वायुसेना को जल्द ही एक और बड़ा 'हथियार' मिलने वाला है। दरअसल, लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास चांगथांग वन्यजीव अभयारण्य में 508 हेक्टेयर क्षेत्र में भारतीय वायु सेना के अड्डे को उन्नत बनाने के प्रस्ताव पर मंजूरी दे दी है। इसके अलावा बोर्ड ने चांगथांग और काराकोरम वन्यजीव अभयारण्यों में भी 9 और रणनीतिक परियोजनाओं को अनुमति दे दी है। इस अनुमति के बाद भारतीय सेना LAC के करीब और मजबूत हो जाएगी।

राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की स्थायी समिति ने इन परियोजनाओं को हरी झंडी दी है। वायुसेना ने चीन के साथ सीमा गतिरोध शुरू होने के कुछ महीनों बाद 12 दिसंबर, 2020 को राज्य वन्यजीव बोर्ड को अपने अड्डे के विकसित करने के लिए एक प्रस्ताव सौंपा था। राज्य बोर्ड ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए इसके महत्व को स्वीकार करते हुए 29 जून को एक बैठक में इसे अनुमति प्रदान कर दी। राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की स्थायी समिति ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में 29 जुलाई को एक बैठक में वायुसेना के प्रस्ताव को मंजूरी दी। वायुसेना ने अभी तक परियोजना को लेकर पर्यावरणीय अनुमति के लिए आवेदन नहीं किया है।

स्थायी समिति ने अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगभग 40-50 किलोमीटर दूर पूर्वी लद्दाख में माहे फील्ड फायरिंग रेंज (एमएफएफआर) की फिर से अधिसूचना के लिए चांगथांग अभयारण्य से 1259 हेक्टेयर भूमि को हटाने के प्रस्ताव को भी अनुमति दे दी है। एमएफएफआर की फिर से अधिसूचना 2014 से ही लंबित है। अभी, यह पूरे पूर्वी लद्दाख सेक्टर में एकमात्र फायरिंग रेंज है जहां सभी प्रकार के हथियारों से गोलीबारी की जा सकती है।

स्थायी समिति ने सामरिक रूप से महत्वपूर्ण तीन प्रमुख सड़कों के उन्नत के प्रस्तावों को भी मंजूरी दे दी। इसके अलावा दोनों अभयारण्यों में आप्टिकल फाइबर केबल बिछाने के प्रस्ताव को भी स्वीकार कर लिया गया है।